Saturday, June 13, 2015

मुझे इज़ाजत तो दो...

एक बार तुम गले लगाने की मुझे इज़ाजत तो दो।
सारी शिकायते तेरे काँधे से होकर गुज़र जाएँगी।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Thursday, June 11, 2015

सर झुकाए बैठे हैं...

ये लब ख़ामोश ही रहेंगे की इनमें जान न बची।
हम ज़िन्दगी के मुहाने पर सर झुकाए बैठे हैं।।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Wednesday, April 8, 2015

ज़रूरत भी क्या...

मौत इतनी साजिशों की, तुझे जरुरत भी क्या।
मैं  तैयार  तो  हूँ  न,  तेरे  साथ चलने के लिए।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Sunday, April 5, 2015

वक़्त लगेगा कभी...

ऐ-खुदा तेरे पास आने में, ज़रा वक़्त लगेगा अभी।
उन्हें  रूठा  हुआ  छोड़कर,  कहीं गया नहीं कभी।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'