Tuesday, March 27, 2012

तेरी जुल्फे हम क्या...

तेरी जुल्फें हम क्या सुलझाने लगे हैं।
लोग उलझने लेकर पास आने लगे हैं।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

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