Tuesday, March 27, 2012

तेरी जुल्फे हम क्या...

तेरी जुल्फें हम क्या सुलझाने लगे हैं।
लोग उलझने लेकर पास आने लगे हैं।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

कुछ शेर तन्हा रातों के नाम...

ये सोचकर की खुश हूं मैं उनके बेगैर,
वो अंदाजा लगाने लगे मेरी मोहब्बत का।
उनकी याद में आंसूओं ने सफर तय किया मेरे सिरहाने तक,
तब कहीं जाकर ख्वाब तर हुए, और मजा आया है सोने का।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

कुछ शेर तन्हा रातों के नाम...

दर्द आंखो में लेकर हम जिए जा रहे,
आंसू बनकर हैं जो आखों से बहे जा रहे।
तेरे बैगेर ऐसे कटता है एक एक लम्हा हमारा,
अजनबी बनकर जैसे अंधेरों में रहे जा रहे।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Monday, March 26, 2012

कुछ शेर तन्हा रातों के नाम.....

सदियां लगेंगी तेरे गम से निकलने में,
फिर थोड़ा वक्त लगेगा हमको संभलने में।
हमसफ़र तुझे बनाना
तो मुमकिन ही न था,
बहुत
शर्म आती थी तुम्हें मेरे साथ चलने में।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Thursday, March 8, 2012

हमने सच्ची मोहब्बत कर ली...

हमने सच्ची मोहब्बत कर ली।
एक खाव्हिश थी जो पूरी कर ली॥

उसने एक रोज हिलाया था हाथ हवा में।
हमने हवाओं से भी मोहब्बत कर ली॥

जैसे टूटता है तारा वैसे टूटा है दिल मेरा।
यही सोचते है हमने क्यों दिल्लगी कर ली॥

उसकी यादें भी कितना सहारा देंगी मुझे।
जिंदगी से हमने जो बगावत कर ली॥

कभी तेरा जिक्र जो किया किसी ने।
हमने उससे फिर दोस्ती कर ली॥

न दौलत की चाह रखते हैं न शोहरत की।
एक तुझे ही पाने की कोशिश कर ली॥

तुमने समझा नहीं खुद के लायक हमें।
इसलिए दूरी हमसे तुमने जरुरी कर ली॥
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

कुछ नही है मेरे पास...

तुझसे बिछड़ने का एक डर था जो अब नहीं रहा,
तुमने ही तो दूर जाने की इच्छा जताई है।
दौलत, सोहरत और मोहब्बत कुछ नही है मेरे पास,
सिर्फ गम, तन्हाई और आंशू जीवन भर की कमाई है।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

ये कोई उम्मीद न लगा बैठे...

मेरे आने की खबर को वो भुला बैठे,
फिर अपनी हर एक चाहत को हम छुपा बैठे।
बस इस डर से वो बात करते नहीं हमसे,
की कही फिर ये कोई उम्मीद लगा बैठे।
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

सारे रास्ते बदल गए...

अपनी सब बातें वो नफरतों में बदल गए,
मेरे करीब रहने की सारी आदतें बदल गए।
अब किस और जाये इसी असमंजस में है हम,
एक उनको ही पाने के सारे रास्ते बदल गए।
-
प्रवीण तिवारी 'रौनक'

हल्का सा मुस्कुरा लिया हमने...

अपने दर्द को हमसफ़र बना लिया हमने,
इस राज को सबसे छुपा लिया हमने
जो कहीं तेरा नाम लिखा देखा,
बस हल्का सा मुस्कुरा लिया हमने
-प्रवीण तिवारी 'रौनक'

आँखों से पानी छोड़ दिया हमने...

तेरे होने की एक निशानी छोड़ दिया हमने,
तू मेरा नहीं है सबसे जुबानी बोल दिया हमने
तुमने कसम खायी थी मुझसे प्यार करने की,
ये पता चलते ही आँखों से पानी छोड़ दिया हमने
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'