Tuesday, November 29, 2011

ये दूरियां न होती...

''पास होकर भी किसी के ये दूरियां होती,
हम रोते याद में उनके और ये सिसकियाँ होती।
चाहतों का दरिया हम साथ लेकर सोचते रहे,
काश! हमसे भी मोहब्बत किसी ने की होती।''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Monday, November 28, 2011

खवाबों में उनका...

"खवाबों में उनका आना कम हो गया है,
मेरा देखना भी उन्हें अब गवारा नही है। "
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'

Wednesday, November 2, 2011

अकेला सा हो गया हूँ मैं...

''तुम्हारा वो पुराना साथ अब न मिलेगा मुझे,
शायद इसलिए तेरी यादों के साथ सो रहा हूँ मैं।
सच में,जबसे हुए हो दूर तुम जिंदगी से मेरी,
कैसे कहूँ की कितना अकेला सा हो गया हूँ मैं। ''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'