Sunday, October 23, 2011

मुझे वो अपना ख्याल देता है...

मेरी सारी बातों को वो दिल से निकाल देता है
बड़ी कोशिशों के बाद मुझे वो अपना हाल देता है॥

एक बात जो लबों पर बसी है, मैं उससे कहूँ कैसे,
मेरी एसी बातों को वो हंसी में टाल देता है।

तमाम लम्हें गुजारे मैंने उसे अपना बनाने में लेकिन,
मेरे हर एक जवाब पे मुझे वो कई सवाल देता है।

उसकी आहट की दीवानगी इस कदर है मेरे जेहन में,
की कही भी होता है मुझे वो अपना ख्याल देता है।

जिसकी हैसियत भी नहीं है काटों के लायक,
ये खुदा क्यूँ उसको ताजा कवँल देता है।

-
प्रवीण तिवारी 'रौनक'



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