Sunday, August 28, 2011

एक कहानी माँ के आँचल की...

माँ का आँचल ममता का सागर
माँ का आँचल सर्दी की चादर॥
माँ का आँचल पीपल की छाओं।
माँ का आँचल नानी का गाँव॥
माँ का आँचल सपनो की डोली।
माँ का आँचल नींद की गोली॥
माँ का आँचल बच्चे का खिलौना
माँ का आँचल मखमल का बिछौना॥
माँ का आँचल बच्चे की पालकी।
माँ का आँचल जीवन की झांकी॥
माँ का आँचल छुपकर रोना।
माँ का आँचल रात भर सोना॥
माँ का आँचल फूलों का उपवन।
माँ का आँचल संदल का वन॥
माँ का आँचल वेदों की महिमा।
माँ का आँचल चेहरे की लालिमा॥
माँ का आँचल सब कुछ कहना।
माँ का आँचल बेटी का गहना॥
माँ का आँचल परियों की कहानी।
माँ का आँचल बेटे की जवानी॥
माँ का आँचल जीवन की ढाल।
माँ का आँचल दुष्टों का काल॥
माँ का आँचल आश की किरण।
माँ का आँचल तन मन अर्पण॥
माँ का आँचल मुस्किल का हल।
माँ का आँचल गंगा का जल॥
माँ का आँचल ब्रह्माण्ड सा प्यारा।
माँ का आँचल दूध की धारा॥
माँ का आँचल होठों की मुस्कान।
माँ का आँचल जन्नत का नाम॥
माँ का आँचल बेटी का कन्यादान।
माँ का आँचल इश्वर का वरदान॥
माँ के आँचल की यही कहानी।
माँ के आँचल में दुनिया सारी.............................प्रवीण तिवारी 'रौनक'

''मैंने कुछ कहा नहीं लेकिन माँ समझ गयी
थकावट भरे चेहरे पर मेरे उसकी नज़र गयी॥
हाथों में लेकर आँचल को जो पोछा माँ ने चेहरे को,
मरते हुए शख्स को जैसे संजीवनी मिल गयी।''
- प्रवीण तिवारी 'रौनक'

3 comments:

  1. really great.............yaar itna achcha likhte ho ......

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  2. अति सुन्दर...भावनाओं में डूबी हुई अभिव्यक्ति ....बधाई...सुन्दर रचना के लिए ...

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  3. bahut acha dost bina maa ki mamta me doobe ye likhi nahi ja sakti..... acha kavi wohi h jo mehsus kar sake chijo ko thanks....))))

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